Bhishma Pitamah Death Bed Conversation with Lord Krishna

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 *भीष्म चुप रहे , कुछ क्षण बाद बोले," पुत्र युधिष्ठिर का राज्याभिषेक करा चुके केशव ... ?* *उनका ध्यान रखना , परिवार के बुजुर्गों से रिक्त हो चुके राजप्रासाद में उन्हें अब सबसे अधिक तुम्हारी ही आवश्यकता है" .... !* *कृष्ण चुप रहे .... !* *भीष्म ने पुनः कहा ,  "कुछ पूछूँ केशव .... ?* *बड़े अच्छे समय से आये हो .... !* *सम्भवतः धरा छोड़ने के पूर्व मेरे अनेक भ्रम समाप्त हो जाँय " .... !!* *कृष्ण बोले - कहिये न पितामह ....!* *एक बात बताओ प्रभु !  तुम तो ईश्वर हो न .... ?* *कृष्ण ने बीच में ही टोका ,  "नहीं पितामह ! मैं ईश्वर नहीं ...  मैं तो आपका पौत्र हूँ पितामह ... ईश्वर नहीं ...."* *भीष्म उस घोर पीड़ा में भी ठठा के हँस पड़े .... !  बोले , " अपने जीवन का स्वयं कभी आकलन नहीं कर पाया कृष्ण , सो नहीं जानता कि अच्छा रहा या बुरा , पर अब तो इस धरा से जा रहा हूँ कन्हैया , अब तो ठगना छोड़ दे रे .... !! "* *कृष्ण जाने क्यों भीष्म के पास सरक आये और उनका हाथ पकड़ कर बोले ....  " कहिये पितामह .... !"* *भीष्म बोले , "एक बात बताओ कन्हैया !  इस युद्ध में ज...

How a Buddhist Monk saved his people from Islamic Terrorism.

Mayanmar and Muslims

आइये जाने म्यांमार में  बौद्ध भिक्षु स्वामी #विराथू ने किस तरह से अपने देश को बचा लिया.

*यदि विराथू नहीं होते तो आज म्यांमार  की हालत सोमालिया जैसी होती ।*✔️म्यांमार  पूरी तरह से बर्बाद हो जाता। मयांमार में करीब 20% रोहिंग्या मुस्लिम थे और उन्होंने अपनी एक और रोहिंग्या अरकान रिपब्लिक आर्मी नामक आतंकवादी संगठन बनाया था 


और यह चुन-चुन कर बौद्धों का कत्लेआम करते थे  *उन्होंने 3 साल में हजारों बौद्धों का कत्ल किया*  *हर रोज कम से कम 10 बौद्ध लड़की का बलात्कार करते थे* और तमाम बहुत सी बौद्ध लड़कियों को लव जिहाद में फंसा कर  उसे अपने शांतिदूत धर्म में शामिल करते थे। *वहां की सरकार भी इनसे डरती थी।*

फिर बौद्ध भिक्षु विराथू सामने आए और उन्होंने फेस 1 फेस 2 और फेस थ्री करके तीन कार्यक्रम देश भर में घूम-घूम कर बताया और उसके बाद म्यांमार के लोगों ने जिस तरह से रोहिंग्या मुसलमानों का प्रतिकार किया वह पूरी दुनिया देख रही है ।

फेस वन में आर्थिक बहिष्कार से लेकर सामाजिक बहिष्कार... 

फिर हथियार उठाकर उनका सामना करना ...

तीसरे फेज में हथियार उठाकर उन पर सामने से हमला करना ...

*यानी इस तरह 3 चरणों का एक प्लान बौद्ध भिक्षु विराथू ने घूम घूम कर पूरे म्यांमार में दिया और कहा कि भले ही गौतम बुद्ध अहिंसा में मानते हैं और बौद्ध धर्म का पहला ही सिद्धांत अहिंसा है लेकिन याद रखो कि तुम कभी पागल कुत्ते के साथ रह नहीं सकते* और ना ही तुम कभी पागल कुत्ते के साथ सो सकते हो  और यदि कोई कुत्ता पागल हो जाए तब उसका नाश करना ही पड़ता है ।

उन्होंने बुद्ध के एक उदाहरण देकर बताया कि किस तरह से एक गांव में कुछ लोगों ने एक ऐसे पागल कुत्ते को मार डाला था  जिस ने करीब 40 लोगों को काटा था और कई लोग रैबीज से मर गए थे और उनके मन में पछतावा था कि क्या उन्होंने बुद्ध की शिक्षाओं का हनन किया है  *तब गौतम बुद्ध ने कहा था कि नहीं तुमने जो किया वह उचित किया क्योंकि तुमने आत्मरक्षा में यह कदम उठाया था।*

बौद्ध भिक्षु विराथू म्यामार  की सेना प्रमुख से मिले ....

म्यामांर  की शासक आन सान सू की से मिले और म्यामार की सभी विपक्षी पार्टियों से मिले  और सभी एकमत पर सहमत थे कि *इन रोहिंग्याओं का समूल नाश करना जरूरी है नहीं तो म्यांमार बर्बाद हो जाएगा।*

*आज यह भारत में रोहिंग्या  है असल में यह दया के पात्र नहीं है* *इन्होंने म्यांमार में हिंदुओं और बौद्धों दोनों का कत्लेआम किया है ..* *और दोनों धर्मों की लड़कियों का बलात्कार किया हुआ है.

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