Bhishma Pitamah Death Bed Conversation with Lord Krishna

I'm a proud Hindu. I love to analyse Indian History and refute where ever i find inconsistencies. I like to roast Hinduphobics. Indian history has been written by our invaders, hence not trustworthy. I refer to ancient texts to understand Indian history rather than books written by people who have relied on our conquerors account of India in their times.
*आज तक में चुप बैठा था क्योंकि किसान आंदोलन के पीछे की इस सच्चाई को बताता तो भी कौन मान सकता था...मेरे अपने ही कई मित्र साथी नहीं मानने को तैयार थे, लेकिन आज सुबह से फोन कर रह हैं भाई आप सही कह रहे थे, खैर समय आ गया है आप भी जानिए...*
1. कई साल से हम लोग इंपोर्टेड दाल Lentil Daal खा रहे थे। आज से करीब 2 साल पहले मोदी ने इस पर रोक लगानी शुरू कर दी, और अब इसे पूरी तरह से बंद करवा दिया।
*कृषि बिल तो बहाना था*, असली किस्सा कुछ यूं है। *2005 में मौनी बाबा मनमोहन सिंह ने दाल पर दी जा रही सब्सिडी को खत्म कर दिया और कुछ समय बाद ही खांग्रेस सरकार ने नीदरलैंड ऑस्ट्रेलिया और कनाडा से समझौता कर दाल आयात करना शुरू कर दिया। कनाडा ने अपने यहां लेंटील दाल के बड़े-बड़े फार्म स्थापित किए जिसकी जिम्मेदारी वहां रह रहे पंजाबी सिखों के हवाले कर दी गई।* और देखते ही देखते कनाडा से भारत में बड़े पैमाने पर दाल आयात होने लगा।
इन बड़े *आयातकों में अमरिंदर सिंह, और कमलनाथ जैसे कांग्रेसी भी थे। बादल भी, क्योंकि इनका राष्ट्र धर्म सिर्फ पैसा है, जैसे ही मोदी ने आयात पर रोक लगाई इनका खेल शुरू हुआ। इनके कनाडा के फार्म सूखने लगे*
*खालिस्तानियों की नौकरी जाने लगी* इसीलिए *जस्टिन ट्रुडो* ने किसानों के आंदोलन का *समर्थन किया* था अब समझे कनाडा, किसान आंदोलन और खालिस्तानियों के साथ खांग्रेस का गठजोड़।
अब जब कनाडा सरकार द्वारा धमकी दी जा रही है कनाडा के खालिस्तानी सिखों को पंजाब वापस भेजा जाएगा। वैसे भी खालिस्तानी कांग्रेसियों की ही देन है। इसलिए कृषि कानून का सबसे ज्यादा विरोध विदेशी ताकतें और खालिस्तानी सिख कर रहे हैं.
सनद रहे जिस देश में अन्न बाहर से खरीदना नहीं पड़ता वही देश सबसे जल्दी विकसित होते है!
2. अब अडानी और अंबानी ने ग्रुप इन्होंने जो भी व्यापार शुरू किया, वहां विदेशी मोनोपली का खात्मा करते हुए भारतीय ग्राहकों को जबरदस्त फायदा कराते हुए मुनाफा कमाया है। अड़ानी ने विदेशी कंपनियों जीएमआर और साउथ अफ्रीका की कंपनी जिनमें पिछवाड़े से भारत के गद्दार नेताओं का ही पैसा लगा हुआ है, सभी की 70% हिस्सेदारी को वापस ले लिया, इसी के अगले चरण में रिलायंस 5G का स्पेक्ट्रम है, जिससे चाइना की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी हुवेई जिसमें XI जिनपिग के अलावा वहां की कम्यूनिस्ट पार्टी के सभी सरकारी नेताओं के पैसे लगे हुए हैं उसके पैर भारत ही नहीं विश्व में उखड़ जाएंगे, इसलिए *खालिस्तानी किसान* रिलायंस जियो के टावर तोड़ रहे थे, अब कुछ समझे किसानों का टॉवर तोड़ कनेक्शन
जरा सोचिए कि आज से पहले कितनी लूट मची हुई थी? उदाहरण: जब जियो नहीं था तब आपका बिल कितना आता था? कितनी लूट चलती थी अब हर कंपनी दाम घटाने पर मजबूर है।
अडानी एग्रो प्रगति कर रही है तो विरोध हो रहा है, अडानी गोदाम स्टोरेज क्यों बना रहा है?
क्या आप कभी COCA COLA, NESTLE, ITC, AMAZON की फैक्ट्री स्टोरेज में गए हैं, मैं गया हूं, जब अपने देश में पेप्सिको, वॉलमार्ट, हिन्दुस्तान यूनीलीवर, आईटीसी जैसी विदेशी कंपनियों ने पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र में बड़े-बड़े गोडाउन खड़े कर लिए तब कोई विरोध नहीं हुआ... तो अब भारतीय कंपनी अडानी का ही विरोध क्यों???
रिलायंस रिटेल, रिलायंस डिजिटल अब सारे देश में पहुंच रहे हैं, तो अमेज़न और फ्लिपकार्ट को तकलीफ़ होना स्वाभाविक है.
*स्वदेशी पतंजलि के आने से हिन्दुस्तान यूनीलीवर (कोलगेट, लक्स, पाँड्स) का एकाधिकार समाप्त हो गया, तो उन्हें तकलीफ़ तो होनी ही थी*
*चीन दुनिया भर के साथ भारत में भी 5G तकनीक बेचने को उतावला हो रहा है, ऐसे में जियो की संपूर्ण स्वदेशी 5G तकनीक से उसे तकलीफ़ होगी ही*
अडानी पोर्ट्स और अडानी एंटरप्राइज़ के कारण अब सब विदेशी और विधर्मियों की मोनोपली बंद हो गई है।
अब *जब अपने देश के उद्योगपति आगे बढ़ रहे हैं, देश को फायदा पहुंचा रहे हैं, तो अपने ही देश के कुछ लोग उनका विरोध क्यों कर रहे हैं?*
*पूरा खेल समझिए:*
अब पंजाब के किसान नेता उनके विरोध में आ गए हैं, अदानी गोडाउन क्यों बना रहा है., हमारी ज़मीन हड़प लेगा, आदि-आदि...
*पंजाब के दूर दराज गांवों में मैंने खुद देखे हैं, वहां देशी-विदेशी कंपनियों NRIs from Canada* के Godown बरसों से मौजूद हैं, वह चलता है, अब अडानी बनवा रहा है तो कहा जा रहा है कि जमाखोरी होगी, और कीमतें बढ़ेंगी?
*हकीकत तो यह है कि अब तक जो लाखों टन अनाज, सब्ज़ियां और फल सड़ जाते थे, official data available* वे अब इनके गोडाउन में सही तरह से भंडारित हो सकेंगे।*
*तकलीफ़ यह है कि अब महंगाई काबू में रहेगी* और *बिचौलियों को मिलने वाली मोटी मलाई भी बंद हो जाएगी*
*राष्ट्र धर्म की महत्ता को पहचानिए* और वर्तमान नेतृत्व की क्षमता को भी, जिसने एक दिन में ही विपक्षियों, पाकिस्तानियों, चाइना, कनाडा, खालिस्तानियों, खांग्रेसियों, वामियों, आपियों, सपैय्यों, बस्पैय्यों, ओवैसियों को बिना किसी *प्रत्यक्ष कार्यवाही* के ही चारों खाने चित कर दिया, अब समझे *मोदी, अमित शाह, अजीत डोभाल, जैसे राष्ट्रवादियों का मास्टर स्ट्रोक*
*राष्ट्रहित में, सामूहिक चेतना निर्माण हेतु, इस संदेश आगे प्रेषित करें ताकि पूरा देश जान सके और स्वच्छ भारत के निर्माण में अपना छोटा सा योगदान दें* क्योंकि
अब ये निश्चित है, की भारत अब बनेगा *स्वच्छ और अखंड*
*जय हिन्द, जय भारत*। *भारत माता की जय*
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Thanks