हम कब तक सेक्युलरिज्म का चूरन चाटते रहेंगे ?
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। हर्षा की भी हत्या हो गई ।
- 25 जनवरी को गुजरात में जिहादियों ने किशन भरवाड़ की हत्या कर दी... 6 फरवरी को रूपेश पाण्डेय की हत्या जिहादियों ने झारखंड के हजारीबाग में इसलिए कर दी क्योंकि वो माता सरस्वती की मूर्ति का विसर्जन करने जा रहे थे... 8 फरवरी को बांग्लादेश में 6 हिंदुओं की नृशंस हत्या कर दी गई... 17 जनवरी को दिल्ली के सुल्तानपुरी में दलित हीरालाल गुजराती की बेटी से इरफान ने रेप किया और फिर उसकी हत्या भी कर दी... हीरालाल और उनकी पत्नी इरफान को अपने बेटे की तरह मानते थे... लेकिन ये सिला मिला.... राजस्थान के अलवर में योगेश जाटव की हत्या मुस्लिम भीड़ के द्वारा कर दी गई..
-हम हिंदुओं को सेक्युलरिज्म का चूरन चटाया जा रहा है जबकि दूसरी तरफ मदरसों और मस्जिदों में आतंकवाद की पढ़ाई का खुल्ला खेल चल रहा है....जिहादी वही कर रहा है जो फतवा ए आलमगीरी में लिखा है.... कुरान में लिखा है काफिरों का कत्ल करो... ये सब बातें खुलकर मुसलमान लागू कर रहे है.... कुरान की सूरा 9 अल तौबा शुरू से पढ़िए तो आपको पता चलेगा कि जिहादियों और आतंकवाद के अंदर मौजूद जहर का असली स्रोत क्या है ? अल बकरा की 216 नंबर की आयत बताती है कि जिहाद हर मुसलमान पर फर्ज है.... 25वीं सूरा अल फुरकान की 52 वीं आयत कहती है कि सबसे बड़ा जिहाद काफिरों से युद्ध लड़ना है.... मुसलमान शरीयत के मुताबिक काफिरों को चुनौती दे रहे हैं और हिंदुओं को संविधान फॉलो करने की नसीहत दी जा रही है... नोएडा में एक हिंदू युवक को इसलिए जिहादियों ने गोद दिया क्योंकि वो योगी को वोट देने के लिए कह रहा था
-अरफा खानम शेरवानी, सबा नकवी, राणा अयूब जैसे जिहादिन आंटियां हिंदू युवकों की हत्याओं पर दो शब्द भी नहीं लिखती बोलती बल्कि उनकी आतंकवादी बता कर कोसती रहती हैं.... दुख की बात ये है कि ऐसे दो कौड़ी के जिहादी बुद्धिजीवियों के दबाव में सरकार कैसे आ जाती है ? कर्नाटक में हर्ष कुमार की हत्या इसलिए हो गई क्योंकि वो हिजाब जैसी रूढीवादी सोच के खिलाफ लिख रहे थे... कर्नाटक की बीजेपी सरकार इस मुद्दे पर डिफेंसिव नजर आ रही है... अदालत भी मौन साध गया है... हिंदुओं की हत्याओं पर संज्ञान नहीं लिया जा रहा है...
-अखलाक हिंदुओं को गाय के बछड़े का मांस धोखे से खिला देता है... उसकी हत्या को 100 हिंदुओं की हत्या के बराबर मान लिया गया.... सीट शेयरिंग के विवाद में जुनैद की हत्या हो गई तो इसको भी राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया जाता है... प्रधानमंत्री इस पर बयान देते हैं लेकिन बंगाल सहित पूरे देश में सैकडों आरएसएस कार्यकर्ता और हिंदू युवकों की हत्याओं पर मौन साध लिया जाता है
(नोट- कई मित्रों ने 9990521782 मोबाइल नंबर दिलीप नाम से सेव किया है लेकिन मिस्ड कॉल नहीं की... लेख के लिए मिस्ड कॉल और नंबर सेव... दोनों काम करने होंगे क्योंकि मैं ब्रॉडकास्ट लिस्ट से मैसेज भेजता हूं जिन्होंने नंबर सेव नहीं किया होगा उनको लेख नहीं मिलते होंगे.. जिनको लेख मिलते हैं वो मिस्डकॉल ना करें प्रार्थना)
- इन हिंदुओं की हत्याओं को आतंकवाद की श्रेणी में रखा जाना चाहिए.... केवल बम धमाके करना ही आतंकवाद नहीं होता है हर्ष की हत्या भी आतंकवाद है... टेरर हैज नो रिलीजन का झूठ बोलना बंद करें.... पीएफआई को प्रतिबंधित करें... जिहाद के खिलाफ खुलकर बोलना शुरू करें... एक-एक हिंदू को जागरूक करें.
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